डिजिटल अरेस्ट: 2024 में साइबर स्कैम का खतरनाक रूप
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
डिजिटल अरेस्ट साइबर अपराधियों द्वारा अपनाई गई धोखाधड़ी की एक नई रणनीति है। इसमें वे सरकारी एजेंसियों या कानून प्रवर्तन अधिकारियों की नकली पहचान बनाकर आम लोगों से ठगी करते हैं। इस घोटाले में पीड़ितों को फोन, ईमेल, या वीडियो कॉल के माध्यम से डराया-धमकाया जाता है और उनसे पैसे ऐंठे जाते हैं।
डिजिटल अरेस्ट घोटाले के मुख्य तथ्य
- फर्जी पहचान और प्रमाण:
- साइबर अपराधी CBI, ED, पुलिस, या नारकोटिक्स ब्यूरो जैसे संस्थानों का नाम लेकर अपनी पहचान बनाते हैं।
- नकली गिरफ्तारी वारंट, कानूनी नोटिस, और वीडियो कॉल के माध्यम से पीड़ितों को भ्रमित करते हैं।
- धोखाधड़ी के तरीके:
- पीड़ितों पर गंभीर अपराधों जैसे मनी लॉन्ड्रिंग या ड्रग तस्करी का आरोप लगाते हैं।
- आरोपों को विश्वसनीय बनाने के लिए नकली सबूत और फर्जी वीडियो दिखाते हैं।
- भय और घबराहट का फायदा उठाना:
- गिरफ्तारी या कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर पैसे मांगते हैं।
- सामाजिक कलंक और परिवार पर प्रभाव का डर देकर पीड़ितों को भुगतान के लिए मजबूर करते हैं।
- तकनीक का दुरुपयोग:
- AI आधारित फेक आवाज़ें, नकली वीडियो कॉल, और पेशेवर तरीके से तैयार दस्तावेज़ों का उपयोग।
- सोशल मीडिया पर नकली प्रोफाइल बनाकर भ्रम फैलाना।
भारत में साइबर स्कैम की स्थिति
- वित्तीय हानि:
- 2021-2024 के बीच 27,914 करोड़ रुपये का नुकसान।
- केवल डिजिटल अरेस्ट स्कैम से 1,616 करोड़ रुपये की ठगी।
- शिकायतों की संख्या:
- 2021: 1,35,242 शिकायतें।
- 2022: 5,14,741 शिकायतें।
- 2023: 11,31,221 शिकायतें।
- प्रमुख स्कैम के प्रकार:
- स्टॉक ट्रेडिंग स्कैम: 4,636 करोड़ रुपये की हानि।
- पोंजी स्कीम: 3,216 करोड़ रुपये की हानि।
- डिजिटल अरेस्ट: 63,481 शिकायतें।
साइबर अपराध रोकने की चुनौतियां
- गोपनीयता और पहचान छिपाना:
- VPN और एन्क्रिप्टेड ऐप्स का उपयोग अपराधियों को पकड़ने में मुश्किल पैदा करता है।
- अंतर्राष्ट्रीय दायरा:
- स्कैम में कई देश शामिल होते हैं, जिससे कार्रवाई जटिल हो जाती है।
- तेज़ी से बदलती रणनीतियाँ:
- उन्नत मैलवेयर और सोशल इंजीनियरिंग तकनीक का उपयोग।
साइबर अपराध से बचने के उपाय
- सतर्कता बरतें:
- किसी भी अनजान फोन कॉल या ईमेल पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
- सरकारी प्रक्रिया की जानकारी रखें:
- कानूनी नोटिस और कार्रवाई की वास्तविक प्रक्रिया को समझें।
- साइबर क्राइम हेल्पलाइन का उपयोग करें:
- भारत में 1930 हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।
सरकार की पहल: I4C (इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर)
- प्रमुख कार्य:
- साइबर अपराध की रोकथाम और जांच।
- साइबर अपराध जागरूकता अभियान।
- शिकायत दर्ज करने के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in)।
- उपलब्धि:
- 4.5 लाख नकली बैंक खातों की पहचान और फ्रीजिंग।
निष्कर्ष
डिजिटल अरेस्ट जैसे स्कैम भारत के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं। जागरूकता, तकनीकी सुधार, और सख्त कानून प्रवर्तन ही इसे नियंत्रित करने के कुंजी हो सकते हैं।
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