भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) एक स्वतंत्र और स्वायत्त संवैधानिक संस्था है, जिसे भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसका गठन 25 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत किया गया था। आयोग का मुख्य उद्देश्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुचारू और निष्पक्ष रूप से संचालित करना है।
मुख्य जिम्मेदारियां:
- चुनाव प्रबंधन:
- लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों का संचालन।
- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव का प्रबंधन।
- चुनाव प्रक्रिया का नियमन:
- चुनावी प्रक्रिया के लिए दिशा-निर्देश जारी करना।
- आदर्श आचार संहिता लागू करना।
- चुनाव सुधार:
- चुनाव प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए सुझाव और आवश्यक सुधार लागू करना।
- चुनावों की निगरानी:
- उम्मीदवारों के खर्च और आचरण पर नजर रखना।
- स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना।
संरचना:
भारत निर्वाचन आयोग एक बहुसदस्यीय संस्था है। इसमें निम्नलिखित पदाधिकारी होते हैं:
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC):
आयोग का प्रमुख। उनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो पहले हो) होता है। - निर्वाचन आयुक्त (EC):
आयोग में मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ दो अन्य निर्वाचन आयुक्त भी होते हैं।
नियुक्ति प्रक्रिया:
निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
कार्यप्रणाली:
- आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए इसे संवैधानिक दर्जा प्राप्त है।
- यह संसद और सरकार के हस्तक्षेप से स्वतंत्र होता है।
- निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान आयोग के पास व्यापक शक्तियां होती हैं।
विशेषताएं:
- ई-गवर्नेंस:
- चुनाव प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए ईवीएम (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) का उपयोग।
- आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct):
चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए आचरण नियम बनाए गए हैं। - चुनाव सुधार:
समय-समय पर आयोग चुनाव सुधारों की सिफारिशें करता है, जैसे चुनावी खर्च की सीमा, आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों पर प्रतिबंध आदि।
चुनौतियां:
- धन और बाहुबल का दुरुपयोग।
- फर्जी वोटिंग और अन्य धोखाधड़ी।
- राजनीतिक दलों का दबाव।
भारत निर्वाचन आयोग का आदर्श वाक्य:
“स्वतंत्रता, निष्पक्षता और पारदर्शिता।”
भारत में हर वर्ष 25 जनवरी को “राष्ट्रीय मतदाता दिवस” (National Voters’ Day) मनाया जाता है, जो देश में मतदाता जागरूकता बढ़ाने का प्रयास है।
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