हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2025: मुकेश अंबानी टॉप 10 से बाहर, रोशनी नादर दुनिया की 5वीं सबसे अमीर महिला बनीं
हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2025 के अनुसार, भारत के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी अब दुनिया के टॉप 10 अमीरों की सूची से बाहर हो गए हैं। उनकी नेटवर्थ में पिछले एक साल में 1 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है, जिससे उनकी कुल संपत्ति अब 8.6 लाख करोड़ रुपये रह गई है। हालांकि, वह अब भी भारत के सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं।
गौतम अडानी की संपत्ति में बढ़ोतरी
गौतम अडानी भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं। उनकी संपत्ति में 13% की वृद्धि दर्ज की गई है, जिससे उनकी कुल संपत्ति अब 8.4 लाख करोड़ रुपये हो गई है। अडानी ग्रुप के विभिन्न व्यवसायों के विस्तार के चलते उनकी संपत्ति में यह इजाफा देखा गया है।
दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति कौन?
हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2025 के अनुसार, टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क अब भी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनकी संपत्ति में 82% की वृद्धि हुई है और अब उनकी कुल नेटवर्थ 420 बिलियन डॉलर (लगभग 34.7 लाख करोड़ रुपये) हो गई है।
रोशनी नादर टॉप 10 अमीर महिलाओं की सूची में शामिल
HCL टेक्नोलॉजीज़ के संस्थापक शिव नादर की बेटी रोशनी नादर दुनिया की टॉप 10 सबसे अमीर महिलाओं की लिस्ट में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। उनकी कुल संपत्ति 3.5 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जिससे वह दुनिया की 5वीं सबसे अमीर महिला बन गई हैं। इसके अलावा, वह भारत के टॉप 10 अमीरों की सूची में तीसरे स्थान पर पहुंच गई हैं और इस लिस्ट में शामिल होने वाली एकमात्र महिला हैं। यह उपलब्धि तब हासिल हुई जब उनके पिता शिव नादर ने उन्हें HCL में 47% की हिस्सेदारी दी।
महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने की जरूरत
इस उपलब्धि के साथ, भारत में महिला उद्यमिता को और अधिक समर्थन देने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। गिरिजा सुब्रमण्यम के अनुसार, “जब महिलाएं कमाती हैं, तो उन्हें आय सुरक्षा देकर और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।” यह दिखाता है कि भारत में महिलाओं के लिए कॉर्पोरेट नेतृत्व और उद्यमिता में आगे बढ़ने के नए अवसर खुल रहे हैं।
निष्कर्ष
हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2025 में भारत के दो प्रमुख उद्योगपतियों—मुकेश अंबानी और गौतम अडानी—की स्थिति में बदलाव देखा गया है। वहीं, रोशनी नादर की उपलब्धि भारत के लिए गर्व का विषय है। यह रिपोर्ट दिखाती है कि वैश्विक स्तर पर भारतीय उद्योगपतियों की स्थिति लगातार बदल रही है और महिला नेतृत्व भी नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
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